Wednesday, September 9, 2009

माँ

आज काफी दिनों बाद कुछ लिखने का मन हो रहा है। सोच रहा हु कहा से शुरू करू , वही से शुरू करता हु जहा से मेरी शुरुआत हुई है। अपनी माँ से...
माँ के बारे में कुछ भी लिखना उसकी ममता को शब्दों में समेटना नामुमकिन है फ़िर भी लिखे बिना रहा भी नहीजाता। एक बार आज से कोई चार साल पहले पुराने अखबारों की कतरने समेटते समय एक छोटा सा लेख हाथ में आ गया था । उसे मैंने आज भी संभल कर रखा हुआ है आप भी पढिये॥

। । माँ । ।
ईश्वर कुछ गढ़ रहे थे, एक अप्सरा वहा से गुजरी और उसने पूछा
'ये आप क्या बना रहे है ? मई आप को लगातार छह दिनों से काम करते देख रही हु'
ईश्वर ने जवाब दिया , "मै माँ को बना रहा हु।"
अप्सरा की उत्सुकता थी 'कैसी बनानी है?'
ईश्वर ने उत्तर दिया- " जिसकी कोख से मानवता जन्मे...
जिसकी गोद में सृष्टि समां जाए ...
जिसका स्पर्श बड़ी से बड़ी चोट को सहलाकर ठीक कर दे ...
जिसका दुलार, बड़े से बड़े सदमे से उबार दे ...
जिसके दो हाथ सबको दिखे, पर हो कई,
ताकि जीवन सवारने का उसका कर्तव्य बिना बाधा के
पुरा हो सके...
जिसके मन में भी आँखे हो जिनसे वह दूर बैठी अपनी संतानों को देख सके...
जो बीमार होने पर भी दस लोगो वाले परिवार के लिए हसकर भोजन बना दे...
नाजुक हो,
पर हर मुश्किल को हराने का दम रखे....
जिसके आँचल तले सृष्टि को सुरक्षा मिले....
जिसके नेत्रों में भाव भरा जल हो और उनके शत्रुओ के लिए ज्वाला...
जिसके दर्शन मात्र से मानवता कृत कृत हो...


मै उसे गढ़ रहा हू जिसे मानव ठेस तो बहुत पहुचाएगा पर उसका हाथ न तो आर्शीवाद देने से रुकेगा और न दिल दुआ मांगने से।"


लेखक: अज्ञात.


Saturday, August 22, 2009

कुछ कही कुछ अनकही "कुछ सुविचार"

साथियों यहाँ पर मै आपके साथ कुछ बाते शेयर करना चाहता हु जो मैंने काफी सारी किताबो से पढ़ा और उन्हें अपने पास किसी खजाने की तरह सहेज रखा है । यकीनी तौर पर मै किसी लेखक का नाम तो नही दे पाउँगा पर पुरी इमानदारी से ये भी कहना चाहूँगा की इनमे से कुछ भी मेरी अपनी न होते हुए भी मेरी अपनी है। आगे आप ख़ुद जाने। इन्हे जब आप पढेंगे तो पाएंगे की ये काफी मजेदार है पर कुछ बाते ऐसी भी होगी जो अन्दर तक आपको भेद जायेगी । तो पेशे नजर है।


  • शादी बिछुओ से भरे थैले में हाथ डालने के समान है जिसमे उम्मीद होती है के जब हाथ बाहर निकलेगा तो उसमे तितली होगी.
  • एक बूढे आदमी का जवान लड़की से शादी करना , उस किताब को खरीदने के समान है जिसे दुसरे लोग पढेंगे।
  • एक भूखे गंदे कुत्ते को आप नहला दीजिये, फ़िर उसे कुछ खिला भी दीजिये तब वो आप को कभी नही काटेगा। कुत्ते और इंसान में बस यही एक फर्क है।
  • शादी के समय लड़के का लड़की का हाथ पकड़ना ठीक वैसे ही है जैसे दो बाक्सर खेल शुरू होने के पहले हाथ मिलाते है।

जहा तक मेरी उड़ान बाकि है !!!

दोस्तों आप सभी का स्वागत है मेरे इस नए ब्लॉग पर। मेरे साथ आप चलेंगे कुछ नई बातो की ओर साथ ही ऐसी नई बाते जो आप जानना चाहते होगे , जो आप चाहते होगे की वो सब कुछ आपको मिले उससे मै आपसे जरूर शेयर करूँगा ये मेरा आपसे वादा है।